स्टैच्यू ऑफ यूनिटी; महान स्वतंत्रता सेनानी "सरदार बल्लभभाई पटेेल" की कहानी

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी "सरदार वल्लभभाई पटेल"
पूर्व उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी "सरदार वल्लभभाई पटेल" की तस्वीर ( सोर्स - सोशल मीडिया )

भारत के गुजरात में "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" स्थापित है। गुजरात में नर्मदा जिला के केवड़िया में नर्मदा नदी के तट पर "सरदार सरोवर बांध" पर स्थापित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। भारतीय पूर्व उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी "सरदार वल्लभभाई पटेल" की प्रतिमा "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" का स्वरूप है। सरदार पटेल को "लौह पुरूष" के नाम से भी जाना जाता है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विशेषता

  • विश्व का सबसे ऊंचा प्रतिमा "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" की कुल ऊंचाई 182 मीटर है। इसकी तुलना में अमेरिका में स्थित "स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी" की कुल ऊंचाई मात्र 93 मीटर है, जो पूरी दुनिया में दुसरे स्थान पर है।
  • 31 अक्टूबर 2013 से इसका निर्माण कार्य शुरु किया गया था। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने "सरदार पटेल" की जयंती पर इसकी नींव रखी थी।
  • इसे बनकर तैयार होने में 5 साल लग गए। 31 अक्टूबर 2018 को "सरदार पटेल" की 143वें जयंती पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उद्धाटन किया गया था।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने बनाया है, लगभग 3000 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई है।
  • पूरी दुनिया में सबसे कम समय 5 वर्ष में बनकर तैयार होने वाला सबसे ऊंचा प्रतिमा है। जबकि, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी दूसरे स्थान पर है, जिसे तैयार होने में 9 वर्ष लगे थे।
  • "पद्म भूषण" प्राप्तकर्ता मूर्तिकार राम वी. सुतार ने मूर्ति के स्वरुप का डिजाइन किया है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का मुख्य आर्कषण

  • सरदार पटेल की प्रतिमा में लगभग 150 मीटर की ऊंचाई पर एक सुंदर दर्शक गैलरी बना है। जहां से नर्मदा नदी और उसके आसपास की सभी प्राकृतिक दृश्य का मजा लिया जा सकता है।
  • एक संग्रहालय और प्रदर्शनी केंद्र बना है जो सरदार पटेल और महान स्वतंत्रता सेनानी को समर्पित है। इससे नई पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास के बारे में जागरुकता मिलती है।
  • लिफ्ट के माध्यम से दर्शक प्रतिमा के शीर्ष तक पहुंच सकते हैं।


स्टेचू ऑफ यूनिटी का महत्व

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भारत के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं से गहरा लगाव है।
  • यह प्रतिमा सरदार वल्लभभाई पटेल के दृढ़ संकल्प, नेतृत्व और राष्ट्रीय एकता की भावना का योगदान है। क्योंकि सरदार पटेल ने 562 रियासतों को शांतिपूर्ण तरीके से उनका एकीकरण करके देश को एकजुट किया था।
  • सरदार पटेल की सिद्धांतों को जीवित रखने के लिए इस प्रतिमा को एक भारत, श्रेष्ठ भारत का प्रतीक माना जाता है।
  • विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है जो भारतवर्ष के बढ़ते आधुनिकता और तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है।
  • प्रतिमा एक प्रमुख केंद्र है, जहां लाखों की संख्या में पर्यटन आते हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था में विकास मिला है, जिससे केवड़िया के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए है।
  • इसके अलावा, केवड़िया के लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान मिली है।
  • इस प्रतिमा को बनाने में उच्च स्तरीय तकनीक का इतेमाल किया गया है, जिसके कारण भारत की तकनीकों को अंतरराष्ट्रीय नजरिये से उच्च श्रेणी का पहचान मिला है।
  • प्रतिमा के आसपास में "एकता नर्सरी, वैली ऑफ फ्लावर्स, और जंगल सफारी" बनाया गया है जो पर्यावरण संरक्षण का काम करता है।
  • यह भारतीय संस्कृति और इतिहास को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करता है।

  


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