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नीतीश कुमार का प्रगति यात्रा (सोर्स - सोशल मीडिया) |
प्रगति यात्रा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रगति यात्रा शुरु हो गया है। नीतीश कुमार का पहला प्रगति यात्रा बापू का कर्मभूमि पश्चिम चंपारण जिला की धरती से शुरु कर दी गई है। मुख्यमंत्री के द्वारा पश्चिमी चंपारण के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उदघाटन किया गया है। यात्रा में प्रशासन की तरफ से कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।
प्रगति यात्रा को लेकर जेडीयू की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया, जिसे पटना समेत अन्य कई जिलों में भी लगाया गया है। नीतीश कुमार के द्वारा इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण जिला के बगहा अनुमंडल में 139 करोड़ की लागत से बनी विधुत परियोजना का शिलान्यास करके किया गया।
सीएम ने कुल 701 करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत की है, साथ ही पौधे भी लगाए। 139 करोड़ की लागत से बनाए गए इस विधुत परियोजना का मुख्य उद्देश्य दोन, दियारा और जंगल के क्षेत्रों में नियमित एवं वोल्टेज युक्त बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
बगहा अनुमंडल के विकास के लिए 41 अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया गया है।
शिकारपुर को मिली कई महत्वपूर्ण योजना
बगहा में परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद नीतीश कुमार सीधे बेतिया जिला के मझौलिया प्रखंड के शिकारपुर गांव पहुंचे। वहां उन्होंने SDRF भवन, मनरेगा पार्क, पुस्तकालय, अमृत तलाब और ओपेन जिम सहित 34 करोड़ 72 लाख से निर्मित कुल 59 योजनाओं का उद्घाटन किया।
इसके अलावा 545 करोड़ 24 लाख से बनाई जाने वाली 300 अतिरिक्त परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया। इसके बाद बेतिया पहुंचकर नीतीश कुमार महाराजा स्टेडियम का उद्घाटन किए।
सांसद सुनील कुमार ने क्या कहा?
नीतीश कुमार का स्नेह एवं प्यार बाल्मीकि नगर के लोगों के साथ अधिक है। नीतीश कोई भी शुभ काम का शुभारंभ सबसे पहले इसी जगह से करते हैं। पहले से जारी किए गए योजनाओं की जांच पड़ताल नीतीश बखूबी करते हैं, उन्हें जब भी यहां आने का समय मिलता है, क्योंकि बाल्मीकि नगर नीतीश के दिल में बसता है।
2025 के लिए क्या है एजेंडा?
मुख्यमंत्री के आने से आम जनता में काफी उत्साह का माहौल है। खासकर महिलाएं इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। जीविका समूह और आंगनबाड़ी सेविकाएं के द्वारा बनाए गए तरह-तरह की हस्तकला इस यात्रा को खुबसूरत रंग दे रही हैं।
इस यात्रा में कुछ महिलाएं रंगोली बनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत करने की तैयारी में जुटी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो काम 15 सालों में नहीं हो पाया है, वह 15 से 20 दिन में पूरा होने जा रहा है, इस वजह से लोगों में काफी ज्यादा उत्साह दिख रहा है।
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