भारत में एक बार फिर आया भूकंप, नेपाल था भूकंप का केंद्र

भारत, नेपाल और चीन में आया भूकंप
भारत, नेपाल और चीन में आया भूकंप (सोर्स - सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: एक बार फिर चीन, नेपाल और भारत में शुक्रवार सुबह 2:36 बजे भूकंप ने दस्तक दिया। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र यानी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल बताया गया है। विभाग ने कई अन्य छोटे झटकों के आने की संभावना जताई है।

बिहार के पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, समस्तीपुर, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और गोपालगंज जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। लगभग 5 से 7 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस आपदा से किसी भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। 

भूकंप क्यों आता है?

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार - धरती की सतह 7 बड़े और अन्य कई छोटे-छोटे टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बना है। सभी प्लेट्स अपनी सतह पर घूमता रहता है। कई बार यह प्लेट आपस में टकराती है और इसके टकराने से एक ऊर्जा उत्पन्न होती है। उस ऊर्जा से एक दबाव जन्म लेता है, और जब वह दबाव बाहर निकलना चाहता है, तब प्लेटों में टकराहट होती हैं, जिससे भूकंप आता है।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) भारत सरकार का एक नोडल एजेंसी (किसी कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार संस्थान) है जो पृथ्वी, वायुमंडल, और पर्यावरण विज्ञान से संबंधित शोद्द [(अनुसंधान) रिसर्च] करता है। यह एजेंसी भूकंप गतिविधियों का निगरानी और भूकंप से संबंधित शोद्द करती हैं।   

भूकंप कैसे आता है?

  • मुख्य रूप से धरती के सतहों में तीन लेयर होते हैं। पहला लोअर, दूसरा मिडिल और तीसरा अपर लेयर। धरती के बीच वाले लेयर को कोर (Core) कहा जाता है, जो पूरी तरह मेटल का बना होता है। इसके ऊपर आता है मैंटल (Mantle), जिसका पुरा स्वरुप पथरिला होता है। सबसे ऊपर आता है क्रष्ट (Crust), जिसे हम अपने आखों से देखते है, जहां हम घर बनाते हैं और रहते हैं।

  • Crust अलग-अलग टुकड़ों से बना होता है, जिसे हम टैक्टोनिक प्लेट कहते हैं। सभी प्लेट्स Jigsaw की तरह आपस में एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं; यह प्लेट अलग-अलग दिशाओं और स्पीड से इधर-उधर बिखरती है फिर जुड़ती भी हैं। कुछ प्लेट्स आपस में रगड़ करती हैं तो कुछ एक दुसरे से दूर होती है और कई बार आपस में लॉक भी हो जाती हैं, जिसे हम पॉट लाइन कहते हैं।

  • जब यह सभी प्लेट अधिक समय तक आपस में गलत तरीके से टकराता है। तो इससे Friction पैदा होता है और ऊर्जा को निर्माण होता है। जब वह ऊर्जा अधक बनती हैं तो वह बाहर निकलना चाहती है, और बाहर निकलते समय वह ऊर्जा एक wave का रूप ले लेता है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।

भूकंप कितना खतरनाक है?

रिक्टर स्केल के माध्यम से भूकंप की तीव्रता मापी जाती हैं।

  • 0 से 2.9 की तीव्रता से सिर्फ हलका कंपन होता है।
  • 3 से 4.9 की तीव्रता पर दीवारों पर टंगी फ्रेम या फोटो गिर सकती हैं।
  • 5 से 6.9 की तीव्रता पर मकान की नींव दरक सकती हैं, और दीवारों में दरार आ सकती हैं।
  • 7 से 8.9 की तीव्रता पर मकान गिर जाती है।
  • 9 से ज्यादा की तीव्रता पर ज्यादा तबाही होता है, धरती फट जाती है और सुनामी जैसा आपदा आता है।

दुनिया में भूकंप का सबसे भयावह दृष्य।

  • पृथ्वी पर एक वर्ष में 1 लाख से ज्यादा बार भूकंप आता है। लेकिन उनमें से लगभग 100 ऐसे होते है जो भीषण तबाही लाता है।
  • 15 जनवरी 1934 को भारत के बिहार राज्य में 8.1 की तीव्रता का भूकंप भीषण तबाही के साथ आया था, उस समय 30 हजार लोगों की मौत हुई थी।
  • 1920 में चीन में भूकंप के बाद लैंड स्लाइड हुआ था, जिसमें 2 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी।
  • 1960 में चिली में भूकंप से 6000 लोगों की मौत हो गई थी, भूकंप की तीव्रता 9.6 था।
  • 1970 में पेरू में भूकंप के बाद हिमस्खलन हुआ था, जिससे 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
  • 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में भूकंप आया था। हिन्द महासागर में सुनामी आ गई थी, जिसमें लगभग 2.5 लाख लोगों ने अपना जान गवाया था।

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