![]() |
प्रयागराज महाकुंभ त्रिवेणी संगम क्षेत्र ( सोर्स - सोशल मीडिया ) |
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर देश और विदेश, दोनों जगह से करोड़ों भक्त प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। 13 जनवरी को पहले शाही स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा चुके हैं। ऐसे में महाकुंभ क्षेत्र तक पहुंचने के लिए आपको रास्ते की पूरी जानकारी होनी चाहिए। कुछ महत्वपूर्ण रास्ते यहां से आप देख सकते हैं।
पवित्र शाही स्नान के दिन -
- पहला शाही स्नान, 13 जनवरी (सोमवार) - पौष पूर्णिमा
- दूसरा शाही स्नान, 14 जनवरी (मंगलवार) - मकर संक्रांति
- तीसरा शाही स्नान, 29 जनवरी (बुधवार) - मौनी अमावस्या
- चौथा शाही स्नान, 3 फरवरी (सोमवार) - बसंत पंचमी
- पांचवा शाही स्नान, 12 फरवरी (बुधवार) - माघ पूर्णिमा
- छठवां एवं अंतिम शाही स्नान, 26 फरवरी (बुधवार) - महा शिवरात्रि
संगम क्षेत्र में पहुंचने के लिए मार्ग
प्रयागराज आप तीन तरह के मार्ग से आ सकते हैं।
पहला - सड़क मार्ग
प्रयागराज पहुंचने के लिए 7 महत्वपूर्ण रास्ते हैं। पहला अयोध्या रोड, दूसरा जौनपुर रोड, तीसरा वाराणसी रोड, चौथा मीरजापुर रोड, लखनऊ रोड, कानपुर रोड, और चित्रकूट-रीवा रोड। सभी सातों प्रवेश द्वार से संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए ऑटो, ई-रिक्शा, कैब, बसें, और अन्य वाहन सुविधाएं उपलब्ध हैं।
दूसरा - रेल मार्ग
प्रयागराज में कुल 9 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें प्रयागराज जंक्शन सबसे प्रमुख है, लेकिन संगम से इसकी दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। प्रतिदिन प्रयागराज के सभी 9 स्टेशनों से 100 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं, ऐसे में विभिन्न शहरों से आने वाले ट्रेनों के माध्यम से आप प्रयागराज पहुंच सकते हैं।
प्रयागराज में मौजूद प्रमुख रेलवे स्टेशन का नाम निम्नलिखित है -
- प्रयागराज जंक्शन
- फाफामऊ जंक्शन
- प्रयाग जंक्शन
- प्रयागराज संगम
- झूंसी
- प्रयागराज छिंवकी
- नैनी जंक्शन
- प्रयागराज रामबाग
- सूबेदार गंज
इसके अलावा, भारतीय रेलवे महाकुंभ को लेकर 3000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें चला रही हैं। प्रयागराज पहुंचने के बाद, ठीक सड़क मार्ग जैसे ई-रिक्शा, ऑटो और अन्य वाहनों के जरिए आप संगम क्षेत्र पहुंच सकते हैं।
तीसरा - विमान मार्ग
प्रयागराज पहुंचने के लिए दिल्ली, बॉम्बे, कोलकाता और अन्य कई प्रमुख शहरों से विशेष एयर विमान चलाया जा रहा है। एयरपोर्ट से संगम की दूरी लगभग 21 किलोमीटर है। संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए यहां भी सड़क और रेल मार्ग के जैसे ऑटो, ई-रिक्शा, कैब और बसें चलाई जा रही हैं, जिससे भक्त और श्रद्धालु संगम क्षेत्र तक सुरक्षित पहुंच सकेंगे।
प्रयागराज संगम में पवित्र घाट
संगम में स्नान करने के लिए मुख्य रुप से 8 घाट मौजूद है। लेकिन महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ अस्थायी घाट बनाई हैं। संगम के किनारे लगभग 12 किलोमीटर लंबा एरिया में अस्थायी घाट बनाए गए हैं।
![]() |
संगम और सरस्वती घाट ( सोर्स - सोशल मीडिया ) |
- संगम घाट ( गंगा-यमुना का संगम )
संगम घाट को सबसे पवित्र घाट माना जाता है। गंगा और यमुना के संगम पर स्नान का विशेष महत्व है। संगम घाट के सबसे करीब वाला पवित्र दर्शनीय स्थलों का नाम अक्षयवट (हनुमान मंदिर) और शंकर विमान मंडपम है।
- दशाव्श्रमेध घाट ( गंगा नदी के किनारे )
यह घाट 110 मीटर लंबा और 95 मीटर चौड़ा है। इस घाट पर बैठने की व्यवस्था, कपड़े बदलने कि व्यवस्था, पार्किंग और अन्य कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।
- किला घाट ( यमुना )
यमुना नदी के तट पर स्थित इस घाट की लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 70 मीटर हैं। जब भक्तों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती हैं, तब इस घाट पर आकर भक्त स्नान करते हैं।
- सरस्वती घाट ( यमुना )
सरस्वती घाट की लंबाई 30 मीटर हैं और चौड़ाई 60 मीटर। यह घाट पूरी तरह कंक्रीट का बना हुआ है। इस घाट के सबसे करीब पवित्र प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर है। दैनिक दिनचर्या में हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए जाते हैं।
- इसके अलावा बलुआ घाट और काली घाट, जो यमुना नदी के किनारे हैं।
- गंगा नदी के किनारे छतनाग घाट, नागेश्वर घाट, मौजगिरी घाट, महेवा घाट और नारायण आश्रम घाट है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें