सुनीता विलियम्स ISS से धरातल पर कैसे पहुंची; 8 दिन के मिशन में 9 महीना 14 दिन कैसे लगा !

अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लौटें।
सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लौट आए (सोर्स - सोशल मीडिया)

फ्लोरिडा: अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बैरी विल्मोर (Barry Wilmore) दोनों इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर वापस सुरक्षित लौटे है। उनके साथ क्रू-9 के दो एस्ट्रोनॉट, अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी आए है। इलॉन मस्क की कंपनी SPACE-X की ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से चारों एस्ट्रोनॉट 19 मार्च को भारतीय समय (IST) अनुसार सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा में समुद्र तट पर लैंड (स्पैलशडाउन) हुए।

सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के बाद NASA ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेेंस में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी स्पेस-एक्स को धन्यवाद दिया। 5 जून 2024 को एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बैरी विल्मोर (Barry Wilmore) को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से 8 दिन के लिए 'क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन' के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया था।

क्रू-9 मिशन वापसी के बाद NASA का प्रेस कॉन्फ्रेंस

 

पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लगा?

  • IST अनुसार, 18 मार्च की सुबह 08:35 बजे स्पेसक्रॉफ्ट का दरवाजा बंद हुआ और लगभग 2 घंटे बाद स्पेसक्रॉफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ।

  • 19 मार्च की देर रात 02:41 बजे स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की कक्षा की दिशा में फायर किया गया और सुबह 03:30 बजे फ्लोरिडा में समुद्र तट पर लैंडिंग हुआ।

दोनों एस्ट्रोनॉट 9 महीने 14 दिन ISS में कैसे फंसे रहें?

  • IST अनुसार, 5 जून 2024 की रात 08:22 बजे बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट एटलस V रॉकेट के जरिए भेजा गया था, जिसमें दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर सवार थे।
  • स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को बोइंग और NASA के 8 दिनों का जॉवाइंट प्रोजेक्ट 'क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन' के उद्देश्य से भेजा गया था।
  • ISS में कई रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करना था, और 8 दिन बाद वापस लौटकर स्पेसक्राफ्ट की क्षमता को भी टेस्ट करना था।
  • ISS में पहुंचने से पहले ही स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर में खराबी आ गई थी। जिसके कारण स्पेसक्राफ्ट 6 जून की रात 09:45 की जगह 11:03 बजे पहुंचा।
  • स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टरों में से 5 खराब हो गए थे। हीलीयम भी लीक हुए थे। ऐसे में स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षित वापसी को लेकर NASA के वैज्ञानिकों के दिल में डर था।
  • NASA के विशिष्ट वैज्ञानिकों के फैसले से 6 सितंबर 2024 को सिर्फ स्पेसक्राफ्ट को ही धरती पर वापस लाया गया।
  • इसी वजह से दोनों एस्ट्रोनॉट्स 9 महीने 14 दिन तक ISS में फंसे रहें।

सुनीता और विल्मोर पृथ्वी पर वापस कैसे पहुंचे?

  • एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर वापस लाने की जिम्मेदारी SPACE-X को दी गई थी।
  • 28 सितंबर 2024 को SPACE-X ने क्रू-9 मिशन लांच किया था। जिस स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया था उसमें 4 में से 2 सीट सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर के लिए खाली रखा गया था। ISS में इनके पहुंचने के बाद, क्रू-8 मिशन में गए एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी पर वापस लौट आए।
  • 15 मार्च 2025 को इलॉन मस्क की कंपनी SPACE-X ने क्रू-10 मिशन को लांच किया था जो 16 मार्च को ISS पहुंचा था। क्रू-10 मिशन पर गए एस्ट्रोनॉट्स को जिम्मेदारी सौंपने के बाद सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर क्रू-9 मिशन पर गए एस्ट्रोनॉट के साथ आज पृथ्वी पर वापस लौट आए है।
  • जिस स्पेसक्राफ्ट से चारों एस्ट्रोनॉट्स वापस लौटे है, वह ISS में सितंबर महीने से ही पार्क था।

धरती तक आने में एस्ट्रोनॉट्स को कितना खतरा है?

  • पहला - ISS से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय कैप्सुल का एंगल गलत दिशा में हुआ तो ड्रैगन कैप्सुल यानी (स्पेसक्राफ्ट) नष्ट हो सकती हैं। अंतरिक्ष में कैप्सूल लगभग 27000 किमी/घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करती हैं।

  • अगर कैप्सूल तीव्र एंगल बनाते हुए पृथ्वी की वायुमंडल में प्रवेश करता है तो घर्षण ज्यादा होगी, टेम्प्रेचर 1500 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाएगी और स्पेसक्राफ्ट की हीट शील्ड जल जाएगा। जिसके कारण कैप्सूल भी जल जाएगा और एस्ट्रोनॉट भाप बन जाएंगे।

  • अगर कैप्सूल को कम प्रभाव से वायुमंडल में प्रवेश कराया गया तो कैप्सूल वायुमंडल से टकराकर असीमित समय के लिए स्पेस में किसी भी अन्य ऑर्बिट में जाकर फंस जाएगा। ऐसी स्थिति में कैप्सूल को खोजने के लिए एजेंसी को काफी दिक्कत होगी।

  • दुसरा - थ्रस्टर खराब हुआ तो समस्या को रिकवर करना काफी मुश्किल होता है।

  • तीसरा - सही समय पर पैराशूट नहीं खुले तो एस्ट्रोनॉट्स के लिए खतरा काफी बढ़ जाता है।

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