केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए केंद्रीय कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड को बड़ा सौगात मिला है। मंत्रिमंडल की बैठक में समिति ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट दोनों परियोजनाओं के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इसी साल संभवत अक्टूबर में इन दोनों प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
पहला रोपवे प्रोजेक्ट - उत्तराखंड के सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किलोमीटर लंबा इस रोपवे परियोजना को लगभग 4081 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।
दुसरा रोपवे प्रोजेक्ट - हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई लगभग 12.4 किलोमीटर है। इस दुसरे प्रोजेक्ट में गोविंदघाट से हेमकुंड तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा। जिसे लगभग 2730 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी।
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केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी (सोर्स - सोशल मीडिया) |
प्रोजेक्ट पूरा होने से क्या सुविधा होगी?
इस प्रोजेक्ट का निर्माण हाईटेक टेक्नोलॉजी के आधार पर किया जाएगा। इस रोपवे प्रोजेक्ट को ऐसे डिजाइन किया जाएगा, ताकि हर रोज लगभग 18 हजार श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम कपाट के दर्शन कराया जा सके।
केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण हो जाने के बाद, यहां आने वाले तीर्थयात्री सिर्फ 40 मिनट में केदारनाथ का दर्शन करेंगे। अभी दर्शन करने में 8 से 9 घंटे लग जाते हैं। इसके अलावा, यह पर्यावरण के अनुकूल होगा और तीव्र कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।
रोपवे प्रोजेक्ट से क्या फायदा होगा?
उत्तराखंड के चमोली जिला में हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट मैदानी स्तर से लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयार होने जा रहा है। इसे खास तरीके से डिजाइन किया जाएगा, जिससे की प्रति घंटा प्रति दिशा लगभग 1100 श्रद्धालुओं के ले जाया जा सके।
हेमकुंड साहिब में एक पवित्र प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। इस गुरुद्वारे को मई से सितंबर महीने के बीच खोला जाता है। हर साल यहां लगभग 2 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं का भीड़ और ज्यादा बढ़ेगा।
कठिन यात्रा से मिलेगी राहत।
केदारनाथ पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गौरीकुंड से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करना होती हैं। मौजूदा समय में श्रद्धालु हेलीकॉप्टर, पालकी, और पैदल यात्रा करते हैं। रोपवे बन जाने से भक्तों को काफी आसानी होगी दर्शन करने में।
रोपवे प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो जाने के बाद केदारनाथ से श्रद्धालुओं का जुड़ाव पूरे साल के लिए हो जाएगा। समुद्र तट से 12 हजार फुट की उँचाई पर स्थित यह स्थल 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अभी अक्षय तृतीया से दिवाली, 6 से 7 महीने तक इसके कपाट खुले रहते हैं। हर साल लगभग 20 लाख तीर्थयात्री दर्शन करते हैं।
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