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मैथिली मृणालिनी PUSU चुनाव में अध्यक्ष पद जीती (सोर्स - सोशल मीडिया) |
PUSU परिणाम: पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव 2025 में ABVP उम्मीदवार मैथिली मृणालिनी ने अध्यक्ष पद के लिए विजयी प्राप्त की है। मृणालिनी ने NSUI के मनोरंजन राजा को 603 वोटों से मात दी है। 107 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला को अध्यक्ष पद के लिए चयन किया गया है। मुंगेर जिला की छात्रा मैथिली मृणालिनी ने PUSU चुनाव में जीत हासिल कर PU की पहली महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया है।
मैथिली मृणालिनी मुंगेर जिला के नॉर्दर्न अकादमी से 10वीं तक की पढ़ाई की। जब वह 9वीं कक्षा में थी तब उन्होंने पहली बार स्टूडेंट्स काउंसिल के इलेक्शन में भाग लिया था, उस दौरान 2 वोट कम होने की वजह से उन्हें वाइस हाउस कैप्टन बनाया गया था। 10वीं उत्तीर्ण होने के बाद वह वनस्थली विद्दापीठ, जयपुर से 12वीं की पढ़ाई की, उस दौरान मैैथिली ने जियोग्राफी और इकोनॉमिक्स में राजस्थान के तत्कालीन गर्वनर से गोल्ड मेडल प्राप्त किया था।
TV न्यूज डिबेट देखकर कैसे बनीं अध्यक्ष?
12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद मैथिली मृणालिनी वापस बिहार लौट आई और अगस्त 2022 में पटना यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस कोर्स में दाखिला लेकर करियर की शुरुआत की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान पॉलिटिक्स से उनका कोई लगाव नहीं था, लेकिन कॉलेज में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में वह पार्टिसिपेट करती थी। कोरोना से पहले तक पॉलिटिक्स से उनका कोई लगाव नहीं था, लेकिन कोरोना काल में घर में टीवी न्यूज़ डिबेट देखने के बाद अचानक उनका राजनीति से लगाव बढ़ना शुरू हो गया था।
वीमेंस कॉलेज में ग्रेजुएशन करने के दौरान वह अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेती थी, तभी ABVP ने उनको अपने साथ जोड़ने के लिए अप्रोच किया। वह ABVP से जुड़ गई, जुड़ने के बाद यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों के छात्र और छात्राओं से पर्सनली मिलती थी और उनकी समस्याओं को लेकर वर्तालाप करती थी।
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मैथिली मृणालिनी ABVP से जुड़ने के बाद विद्यार्थियों से मिलकर उनकी समस्या को सुनती हुई (सोर्स - सोशल मीडिया) |
पटना यूनिवर्सिटी में अभी तक सिर्फ पुरूषों का दबदबा था, लेकिन मैथिली ने जीत कर एक नया इतिहास रच दिया है।
पहली बार महिला अध्यक्ष की एंट्री कैसे हुई?
106 साल बाद पहली बार यूनिवर्सिटी में किसी महिला अध्यक्ष का चयन हुआ है। नॉमिनेशन से ठीक पहले ABVP ने मैथिली को आपना प्रत्याशी घोषित किया। जब इस बात की जानकारी उन्होंने अपने घर वालों को दी, तो घर वाले इस बात से खुश नहीं थे, लेकिन कुछ समय बाद वह मान गए और चुनाव लड़ने के लिए अनुमति दे दिए।
मैथिली का मानना था कि चुनाव में कभी भी उन्हें जेंडर से क्लासिफाई नहीं किया गया। वह हमेशा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से जुड़ी रहती थी, वह उनकी समस्याओं को खत्म करने के लिए चिंतन करती थी। विश्वविद्दालय के बुनियादी ढांचे को परिवर्तित कर उसके स्वरूप को बदलना उनकी प्राथमिकता थी। उनका लक्ष्य कैंपस को ऐसा बनना था की यूनिवर्सिटी के छात्र खुद को हमेशा सुरक्षित और प्रेरित महसूस करें।
क्या भविष्य में राजनीति में प्रवेश करेंगी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैथिली मृणालिनी भविष्य में राजनीति में एंट्री से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा ध्यान अभी यूनिवर्सिटी के विकास पर है। यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा, नफरत, भ्रष्टाचार, झूठ, और बम-बारूद जैसी गतिविधियों को खत्म करने का हमारा लक्ष्य है। हमारा पहला लक्ष्य यूनिवर्सिटी को शांत, सुरक्षित, और प्रतिभाशाली बनाना है। जहां छात्र और छात्राओं का सपना पूरा हो सके।
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