संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पारित; बिल के खिलाफ कई विपक्षी नेेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

वक्फ संशोधन बिल पर सदन में चर्चा
वक्फ संशोधन बिल पर सदन में चर्चा के दौरान की तस्वीर (सोर्स - सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है। 2 अप्रैल 2025 को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेस किया गया था, 12 घंटे से ज्यादा देर तक चर्चा के बाद देर रात करीब 02:00 बजे बिल को पास कर दिया गया। कुल 520 सांसदों ने वोट दिए, जिसमें 288 सांसदों ने पक्ष में वोट दिए जबकि 232 ने विरोध में वोट दिए।

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पास होने के बाद गुरूवार को राज्यसभा में पेस किया गया। दोपहर 1 बजे से सदन में चर्चा शुरू हुआ, और लगभग 13 घंटे के लंबे चर्चा के बाद देर रात लगभग 02:30 बजे बिल को पास कर दिया गया। बिल के समर्थन में 128 सांसदों ने वोट दिए जबकि 95 सांसदों ने विरोध में वोट दिए।

वक्फ संशोधन बिल क्या है?

1950 के बाद वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक वैधानिक संस्थान बनाने को लेकर चर्चा शुरू हुई। वक्फ एक्ट, 1954 (अब वक्फ अधिनियम, 1995) के तहत भारत सरकार द्वारा 'वक्फ संपत्तियों' की देखरेख के लिए वर्ष 1964 में 'केंद्रीय वक्फ परिषद' नाम से एक कानूनी संस्थान का निर्माण किया गया।

लेकिन एक साल बाद, 1955 में इस कानून में बदलाव हुआ और देश के सभी राज्यों में वक्फ बोर्ड बनाया गया। वक्फ एक्ट, 1954 की धारा 9(1) के तहत देश के सभी राज्यों में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ। वर्तमान में पूरे देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड कार्यरत है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन का कार्य करती हैं।

वर्तमान में गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मिजो़रम, नागालैंड, सिक्किम, और केंद्रशासित प्रदेश दमन व दीव में कोई वक्फ बोर्ड नहीं है। वक्फ अधिनियम, 1995 अभी जम्मू और कश्मीर में भी लागू नहीं है। जबकि देश के कई प्रदेशों में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के लिए अलग वक्फ बोर्ड है।

अब इसी कानून में संशोधन करने के लिए सरकार 'वक्फ संशोधन बिल' लाई है। जिसे 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा से पास कर दिया गया है।

वक्फ संशोधन बिल पर मंत्रियों ने क्या कहा?

पहला - संसदीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Parliamentary affairs) एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (Ministry of minority affairs) के मंत्री किरेन रेजिजू ने कहा - वक्फ संशोधन बिल के जरिये वक्फ संपत्तियों के प्रबंधक, निर्माणक एवं लाभार्थी गैर-मुस्लमान नहीं होंगे, गैर-मुस्लिम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन (देखरेख) कर रहा है या नहीं इसकी निगरानी के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया है, इसे वक्फ संपत्तियों को चलाने के लिए नहीं बनाया गया है। वक्फ संशोधन बिल में लाए गए प्रावधान वक्फ के पारदर्शिता (स्पष्टता), उत्तरदायित्व (जवाबदेही), और क्षमता (योग्यता) को दर्शाता है।

रेजिजू ने कहा कि अगर हमने यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता तो संसद भवन को भी वक्फ का संपत्ति होने का दावा किया जाता। वर्ष 1954 में वक्फ एक्ट बना, कई बार संशोधन के बाद 1995 में वक्फ एक्ट फिर से बना, 1954 से लेकर 1995 के बीच किसी ने इस बिल को गैरसंवैधानिक नहीं कहा, लेकिन अब इसमें संशोधन कर बिल को सुधारा जा रहा है तो आप कह रहें है कि यह गैर-संवैधानिक है।

 

दुसरा - संसद में अमित शाह ने क्या कहा?

गृह मंत्री (Minister of home affairs) अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा - इनके राज में जो मनमानी थी वो अब नहीं चलेगी। एक मेंबर कह रहें है कि अल्पसंख्यक इस कानून को स्वीकार नहीं करेगी, जिस पर शाह बोले यह संसद का कानून है - सभी को स्वीकार करना पड़ेगा।

वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गैर-मुस्लिम हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि वक्फ का काम वक्फ की संपत्तियों को बेच कर खाने वालों के खिलाफ उन पर कड़ी कार्रवाई करना है। वक्फ का काम गैर-कानूनी तरीके से वक्फ की संपत्तियों को 100-100 वर्षों तक किराये पर देने वालों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई करना है।

अमित शाह बोले - कुछ लोग भ्रम फैलाकर, डरा-धमका कर 'अल्पसंख्यको का वोट बैंक' प्राप्त करने के लिए इस कानून का विरोध करवा रहें है। वो चाहते है कि इनकी राज में जो मिलाप चला वो चलता रहें, लेकिन वो कान खोल कर सुन ले अब ये नहीं चलेगा।

शाह ने लालू पर भी निशाना साधते हुए कहा - लालू का सपना हम पुरा करेंगे। जब 2013 में संशोधन हुआ था तब सरकारी या गैर-सरकारी जमीनें हड़प ली गई थी, वक्फ में काम करने वाले अधिकारियों ने वक्फ की सभी प्राइम लाइन को बेच दिया था। हम काफी देर बाद वक्फ संशोधन बिल सदन में लाए है, इसका समर्थन भी करते है।

लेकिन मेरा अनुरोध है कि भविष्य में एक कड़ा कानून बनें और उसे लागू भी किया जाए। लालू का शौक इन्होंने ने तो पूरी नहीं की लेकिन नरेंद्र मोदी ने कर दिया।


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