वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ओवैसी क्यों पहुंचे सुप्रीम कोर्ट; JDU के 7 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी क्यों छोड़ी
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वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ संसद में ओवैसी विरोध करते हुए (सोर्स - सोशल मीडिया) |
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। राष्ट्रपति के मुहर के बाद इस कानून को लागू कर दिया जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल 2025 को लोक सभा और 3 अप्रैल को राज्य सभा में पेस किया गया था। संसद के दोनों सदन में 12 से 13 घंटे की लम्बी चर्चा हुई थी। लोकसभा में 520 सांसदों ने वोट दिए, जिनमें 288 सांसदों ने पक्ष में वोट दिए जबकि 232 सांसदों ने विरोध में वोट दिए थे।
वहीं, राज्य सभा में 128 सांसदों ने पक्ष में जबकि 95 सांसदों ने विरोध में वोट दिए थे। जिसके बाद वक्फ संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद X पर लिखकर बोले - यह कानून ट्रांसपेरेंसी बढ़ाएगा और पसमांदा मुस्लिमों के अधिकार का रक्षा करेगा।
असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट क्यों गए?
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा - अगर आप वक्फ कानून लाते है तो यह अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन होगा, इससे देश में सामाजिक अस्थिरता का विकास होगा। कोई भी वक्फ की संपत्तियों को बेच नहीं सकेगा, आप बोलते है की हम विकसित भारत का गठन कर रहें है, लेकिन देख कर लगता है कि आप देश को 80 और 90 के दशक में ले जा रहें है।
#WATCH | In Lok Sabha, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "I am cautioning and warning this government - if you bring and make a Waqf law in the present form, which will be violation of Article 25, 26 and 14, it will lead to social instability in this country. It has been rejected… pic.twitter.com/agGgjpt4Ft
— ANI (@ANI) February 3, 2025
एक गौरवशाली भारतीय मुसलमान होने के नाते हम अपनी मस्जिद और दरगाह का 1 इंच नहीं खोने देंगे। वक्फ मेरे लिए एक पुजा का रूप है।
JDU के 7 मुस्लिम नेता पार्टी छोड़े
वक्फ संशोधन बिल सदन में पास होने के बाद JDU ने मोदी सरकार का समर्थन किया था, जिस पर जेडीयू में बगावत शुरू हुई और 7 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। वक्फ संशोधन बिल से नाराज 7 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी।
इनमें पूर्व प्रदेश सचिव एम. राजू नैयर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदीम अख्तर, प्रदेश महासचिव सिएन मो. तबरेज सिद्दीकी अली, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो. दिलशान राईन, खुद को मोतिहारी के ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी बताने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी और नवादा जिला के जेडीयू जिला सचिव शामिल है।
बगावत की मुख्य वजह - बगावत करने वाले नेताओं ने CM नीतीश पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारा भरोसा तोड़ा है। नीतीश कुमार एक सेक्युलर नेता है, दोहरी नीति का हवाला देते हुए फिरोज खान ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है। बगावत मुस्लिम नेताओं ने वक्फ संशोधन बिल पर नाराजगी जताते हुए कहा - पार्टी ने बिहार के लाखों मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है।
दावे पर डिप्टी CM क्या बोले?
बिहार के डिप्टी CM विजय सिन्हा ने बगावत नेताओं के दावें को खारिज करते हुए कहा - वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने वाले सभी नेता राष्ट्रद्रोही है। यह हिन्दुस्तान है, यह देश संविधान के नियमों का पालन करता है, संसद में पारित किसी भी कानून का विरोध करने वाले लोग देशद्रोही की श्रेणी में आएंगे। ऐसे लोगों की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।
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