नई दिल्ली: फाइटर जेट पायलट शुभांशु शुक्ला "इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन" (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और अन्य तीन एस्ट्रोनॉट एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4) के लिए 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए। 41 साल बाद किसी भारतीय को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला है; अप्रैल 1984 में राकेश शर्मा पहले भारतीय यात्री थे जो सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष पहुंचे थे।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला, पोलैंड एस्ट्रोनॉट (मिशन विशेषज्ञ) स्लावोस्ज़ उज्ऩान्स्की-विज्ऩिव्स्की, हंगरी एस्ट्रोनॉट (मिशन विशेषज्ञ) टिबोर कापू, और अमेरिकी कमांडर पैगी व्हिटसन ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर स्पेस एक्स (SPACE-X) के फाल्कन-9 रॉकेट से उड़ान भरे। चारों अंतरिक्ष यात्री 28 घंटे बाद 26 जून 2025 को भारतीय समय अनुसार 16:01 बजे ISS पहुंचे। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) और भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत शुभांशु शुक्ला को ISS भेजा गया।
शुभांशु शुक्ला कौन है?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के रहने वाले शुभांशु शुक्ला एक फाइटर जेट पायलट है। इन्होंने 12वीं के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा पास करके भारतीय वायुसेना को ज्वाइन किया था। ट्रेनिंग के बाद जून 2006 में वे IAF को ज्वाइन किए और फाइटर जेट पायलट बनें।
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ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (सोर्स - सोशल मीडिया) |
शुभांशु शुक्ला के पास 2000 घंटे से अधिक समय का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। सुखोई-30MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, और डोर्नियर जैसे फाइटर विमानों को उड़ाने का अनुभव है।
एक्सिओम-4 मिशन क्या है?
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य विदेशी एस्ट्रोनॉट को 25 जून 2025 को Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजा गया था। एक्सिओम-4 मिशन एक रिसर्च प्रक्रिया है, इसमें नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके विषय की गहराई से अध्ययन और रिसर्च करना होता है। मुख्य रूप से Axiom-4 मिशन एक वैज्ञानिक प्रयोग और रिसर्च है, जहां वैज्ञानिक माइक्रोग्रेविटी में विभिन्न प्रकार के रिसर्च एवं अध्ययन करते है। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और अमेरिकी कंपनी (SPACE-X) ने इस मिशन को आयोजित किया था। वहीं, अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सिओम स्पेस ने इसे संचालित किया था।
एक्सिओम-4 मिशन का उद्देश्य क्या था?
एक्सिओम-4 मिशन को नासा और स्पेस एक्स ने आयोजित किया गया था और अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) के द्वारा संचालित किया गया था। एक्सिओम-4 मिशन एक्सिओम स्पेस का एक निजी अंतरिक्ष मिशन है। इससे पहले Axiom-1, Axiom-2, Axiom-3 मिशन पुरा हो चुका है। एक्सिओम-4 मिशन कुल 14 दिन का था।
उद्देश्य -
- इस मिशन के तहत वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में रिसर्च और नई टेक्नोलॉजी के परीक्षण क्षमता और विकास का अध्ययन करना है।
- निजी स्पेस यात्रा को बढ़ावा देना है।
- भविष्य में एक कॉमर्शियल स्पेश स्टेशन (Axiom Station) बनाने की योजना है।
Axiom-4 मिशन से भारत को क्या फायदा होगा?
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम-4 मिशन के लिए चयन किया गया है। 41 साल बाद किसी भारतीय को अंतरिक्ष में कदम रखने का मौका मिला है, इससे पहले राकेश शर्मा अप्रैल 1984 में स्पेस में गए थे। शुभांशु शुक्ला 14 दिन ISS में रिसर्च और नई टेक्नोलॉजी का अध्ययन करेंगे। शुभांशु शुक्ला का ISS में 7 प्रयोग में प्राप्त हुआ अनुभव भारत के गगनयान मिशन में अहम भूमिका निभाएगा।
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Axiom-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री (सोर्स - सोशल मीडिया) |
दरअसल, ISRO के द्वारा भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन "गगनयान" वर्ष 2027 में लांच करने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुभांशु शुक्ला को वर्ष 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुना था। इनके साथ तीन अन्य कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को भी अंतरिक्ष यात्री के रूप चयन किया गया है।
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