विशेष गहन पुनरीक्षण; 1 अगस्त को जारी की गई नई मतदाता सूची से 65 लाख वोटर हुए बाहर

विशेष गहन परिशोधन करता निर्वाचन अधिकारी
विशेष गहन परिशोधन करते हुए BLO (सोर्स - सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: बिहार में "विशेष गहन परिशोधन" (SIR) प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बिहार में 24 जून से 26 जुलाई 2025 तक विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया था। विशेष गहन परिशोधन में बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया। राज्य में 99.70 प्रतिशत मतदाताओं का SIR किया जा चुका है; बचे हुए मतदाताओं का विशेष गहन परिशोधन 1 अगस्त तक पूरा हो जाने की संभावना है।

दरअसल, नवंबर-दिसंबर में "बिहार विधानसभा चुनाव" होने वाला है। चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदान की पारदर्शिता को लेकर बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के आदेश दिए। पूरे बिहार से SIR में कुल 7.23 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 35 लाख मतदाता पलायन कर गए, 22 लाख मतदाता दिवंगत हो गए, 7 लाख मतदाताओं के नाम दो जगह प्राप्त हुए, और 1.2 लाख मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं मिले।

1 अगस्त को जारी होगा नई मतदाता सूची।

विशेष गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य चुनाव को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराना है। SIR के बाद पूरे बिहार में प्राप्त मतदाताओं के फॉर्म को डिजिटलीकरण किया गया है। SIR के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नई मतदाता सूची जारी की जाएगी। इस सूची में मतदान के पात्र मतदाताओं का नाम जारी किया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) 1 अगस्त को नई मतदाता सूची जारी करेगा।

65 लाख वोटर नई मतदाता सूची से होंगे बाहर।

बिहार में 24 जून से 26 जुलाई 2025 तक BLO और BLA के द्वारा किए गए "विशेष गहन परिशोधन" के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 35 लाख मतदाता स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं, यानी उनके बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। 22 लाख दिवंगत यानी मृत पाए गए हैं, 7 लाख मतदाता एक से ज्यादा जगह पंजीकृत हैं, और 1.2 लाख वोटरों ने BLO या BLA को परिशोधन प्रपत्र वापस नहीं किया है।

नई मतदाता सूची से 65 लाख वोटर के नाम हटाए गए।

बिहार में "विशेष गहन पुनरीक्षण" प्रक्रिया समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2025 को नई मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। SIR के आकड़ों के अनुसार, 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं का नाम नई सूची में शामिल नहीं किया गया है।

आपत्तियां दर्ज कराने के लिए निर्धारित समय।

SIR में आपत्तियां या दावे को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 1 अगस्त से 1 सितंबर का समय निर्धारित किया है। इस अवधि के दौरान मतदाता या कोई राजनीतिक दल निर्धारित दावे एवं आपत्ति प्रपत्र भर कर अपने क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (Electoral Registration Officers) के द्वारा आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसके माध्यम से मतदाता योग्य मतदाता का नाम जुड़वा सकता है तथा अयोग्य मतदाता का नाम हटवा सकता है।

किन राजनीतिक दलों को सूची साझा किया गया है?

भारत निर्वाचन आयोग ने 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ दिवंगत, स्थायी रूप से पलायन मतदाताओं की सूची को साझा किया है। इन 12 राजनीतिक दलों में शामिल हैं भाजपा, कांग्रेस, RJD, JDU, BSP, AAP, लोजपा (रामविलास), भाकपा (माकपा), एनपीपी, रालोसपा, रालोजपा, और भागपा (माले) पार्टी।

SIR के खिलाफ राजनीतिक दलों का विरोध प्रदर्शन।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

राज्य में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं का बिहार विधानसभा के सामने विरोध प्रदर्शन।


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