अहमदाबाद प्लेन क्रैश जांच रिपोर्ट में क्या था? रिपोर्ट पर एक्सपर्ट का दावा

अहमदाबाद प्लेन क्रैश
अहमदाबाद प्लेन क्रैश (सोर्स - सोशल मीडिया)

अहमदाबाद: एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई 2025 को अहमदाबाद विमान क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की थी। AAIB के द्वारा प्रकाशित प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, एआई-171 विमान के टेकऑफ के दौरान फ्यूल कटऑफ यानी (फ्यूल सप्लाई बंद) हो जाने की पुष्टी की गई थी, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। भारत सरकार ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की गाइडलाइंस Annex 13 के अनुसार घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट को फाइनल रूप नहीं दिया जाए।

दरअसल, 12 जून 2025 को अहमदाबाद में भारतीय समय अनुसार दोपहर 01:39 बजे बोइंग कंपनी का VT-ANB पंजीयन क्रमांक वाला 787-8 एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 को सरदार बल्लवभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना किया गया था। इस विमान को VAAH के रनवे 23 से दोपहर 01:38 बजे रवाना किया गया था, लेकिन टेकऑफ के लगभग 30 सेकेंड बाद एयरपोर्ट के पास मौजूद बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर फ्लाइट क्रैश हो गई। विमान में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू, और 2 फ्लाइट क्रू मेंबर मौजूद थे। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी, सिर्फ एक ब्रिटिश नागरिक की जान बच गई थी। वहीं, मेडिकल छात्रावास में मौजूद लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें कुछ डॉक्टर और स्टूडेंट भी मौजूद थे।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट में क्या था?

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने 12 जुलाई 2025 की देर रात को कुल 15 पन्नों की रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में लिखा था कि फ्लाइट के टेकऑफ होने के 3 सेकंड बाद फ्यूल सप्लाई स्विच बंद हो गया था। फ्यूल सप्लाई बंद होने की वजह से विमान को ईंधन की आपूर्ति नहीं हो सकी; फ्लाइट के दोनों इंजन एक-एक करके बंद हो गए थे। पायलट ने इंजन को दुबारा चालू करने की कोशिश की थी, लेकिन जब तक इंजन चालू होता और इंजन पावर जनरेट करती, समय बहुत कम था। इंजन चालू नहीं हो सका जिसके कारण प्लेन क्रैश हो गया।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की तस्वीर
अहमदाबाद प्लेन क्रैश (सोर्स - सोशल मीडिया)

कॉकपिट ऑडियो के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया, और दूसरे ने कहा, हमने स्विच ऑफ नहीं किया। रिपोर्ट में विमान के फ्यूल टेस्टिंग में किसी प्रकार की समस्या नहीं थी। बर्ड डिटिंग या मौसम की कोई समस्या नहीं थी। दोनों पायलट मेडिकली फिट थे। पायलट को 5 हजार से ज्यादा घंटों तक उड़ान भरने का अनुभव था, और को-पायलट को 1 हजार घंटे से ज्यादा समय तक उड़ान भरने का अनुभव था।

AI-171 विमान में तकनीकी दिक्कत क्या थी? 

AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन जाने वाली AI-171 फ्लाइट को उड़ान भरने से पहले दिल्ली से अहमदाबाद AI-423 के रूप में सुबह 11:17 बजे लाया गया था। अहमदाबाद पहुंचने के बाद पायलट ने 'STAB POS XDCR' के अंदर तकनीकी खराबी होने की शिकायत की थी। यह एक सेंसर तकनीक है जो विमान के संतुलित होने या ना होने की जानकारी देती है। अगर यह खराब होता है तो इसका सिस्टम पायलट तक गलत कमांड पहुंचाता है, जिससे खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की तस्वीर
अहमदाबाद प्लेन क्रैश (सोर्स - सोशल मीडिया)

हालांकि, 12:10 बजे तकनीकी समस्या को खत्म कर विमान को अगली उड़ान के लिए निर्देश दे दिया गया था। विमान में 54,200 किलोग्राम फ्यूल था, और विमान का कुल वजन 2,13,400 किलोग्राम था। विमान को 01:37 बजे टेकऑफ की अनुमति मिली। EAFR के डेटा के अनुसार, विमान के एयर/ग्राउंड सेंसर्स 01:38:39 बजे एयर मोड में स्थानांतरित हो गए थे, यह लिफ्टऑफ की पुष्टि करता है। यहां तक सब ठीक था।



जांच को लेकर एक्सपर्ट का निर्देश?

AAIB के रिटायर्ड अधिकारी अरबिंदो हांडा ने NDTV प्रॉफिट से कहा कि विमान का ज्यादातर हिस्सा पूरी तरह जल चुका है, फाइनल जांच होने में काफी समय लगेगा, प्लेन क्रैश के ज्यादातर घटनाओं में प्रारंभिक और फाइनल रिपोर्ट को अलग-अलग देखा गया है। इसलिए, इस रिपोर्ट को फाइनल नहीं माना जा सकता है। वहीं, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहा कि AAIB एक स्वतंत्र संस्थान है, अंतिम आधिकारिक रिपोर्ट आने तक कोई भी इसे फाइनल रिपोर्ट नहीं मानेगा।

एक्सपर्ट ने क्या दावा किया था?

सिविल एविएशन सिक्योरिटी काउंसिल के पूर्व सदस्य सनत कौल ने जांच रिपोर्ट को गलत साबित करते हुए कहा कि रिपोर्ट पर किसी अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं है, ऐसा कैसे संभव है, यह सही नहीं लग रहा है। उन्होंने जांच टीम का हवाला देते हुए कहा कि जांच में बोइंग 787 या 737 विमान की पूरी समझ रखने वाले पायलट को जांच अधिकारी के तौर पर शामिल करना चाहिए।

सिविल एविएशन सिक्योरिटी एक्सपर्ट सनत कौल
सिविल एविएशन सिक्योरिटी काउंसिल के पूर्व सदस्य सनत कौल (सोर्स - सोशल मीडिया)

हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि एआई-171 विमान की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, एयरक्राफ्ट का फ्यूल सप्लाई स्विच बंद हो गया था। कॉकपिट ऑडियो रिकॉडर के मुताबिक पायलट और को-पायलट दोनों में से किसी ने भी स्विच कटऑफ नहीं किया था। इसलिए, यह स्पष्ट होता है कि फ्यूल कटऑफ एयक्राफ्ट के किसी आंतरिक तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ था।


अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर विदेशी एक्सपर्ट का दावा?

  • अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय एविएशन सेफ्टी विशेषज्ञ मेलिसा चेन ने कहा कि फ्यूल सप्लाई स्विच 'प्रोटेक्टेड' होते हैं, इसे पहले खिचना होता है फिर घुमाना होता है, जिसके बाद यह काम करता है।

  • ऑस्ट्रेलियाई एविएशन कंसल्टेंट नील हैंसफोर्ड ने कहा कि मैंने कभी भी पायलट को खुद ईंधन सप्लाई बंद करने की बातचीत करते हुए नहीं देखा और सुना है। इतने अनुभवी पायलट ऐसा नहीं कर सकते हैं। अनुरोध है कि जांच अधिकारी पायलटों के मनोवैज्ञानिक गतिविधियों की भी जांच करें।

  • भारतीय एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट मार्क डी मार्टिन ने कहा कि टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल सप्लाई स्विच का बंद होना एक वैश्विक चिंता का विषय है। बोइंग को इस विषय पर समीक्षा करने की जरुरत है।


 

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