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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 ( सोर्स - सोशल मीडिया ) |
New Delhi: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीख का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को बताया कि 5 फरवरी को एक चरण में दिल्ली के कुल 70 विधानसभा सीट पर मतदान कराई जाएगी और परिणाम 8 फरवरी को आएगा। 1.5 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के लिए कुल 33 हजार 330 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2 लाख से ज्यादा नए वोटर्स वोट देंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा के दिन CEC का डेढ़ घंटा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुआ। प्रेस वार्ता में उन्होंने EVM, वोटर लिस्ट में धांधली, वोटर्स के नाम हटाए जाने जैसे विपक्ष के नेताओं के द्वारा लगाए गए आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, चुनाव होने से पहले चुनावी प्रक्रिया पर आरोप लगाना ठीक नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने EVM से संबंधित आरोपों को पहले ही खारिज कर दी हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 1.55 करोड़ वोटर मतदान करने वाले हैं, जिनमें 83.50 लाख पुरुष हैं और लगभग 70.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी। विधानसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया 10 जनवरी से शुरू होगी और 17 जनवरी को समाप्त हो जाएगी, वहीं नामांकन से नाम वापस लेने की प्रक्रिया 20 जनवरी को होगी।
चुनावी प्रक्रिया पर लगाए गए 5 गंभीर आरोप
पूर्व CM अरविंद केजरीवाल और CM अतिशी ने 29 दिसंबर को आयोग पर आरोप लगाया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नई दिल्ली सीट में से 5 हजार वोटरों के नाम काट दिए गए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि हर निर्वाचन क्षेत्र में 10 हजार से ज्यादा वोटर के नाम हटाए गए और जोड़े गए हैं।
अक्टूबर 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने EVM हैक होने का आरोप लगाया था। इससे पहले, 2017 में, केजरीवाल ने कहा था कि मैं EVM हैक करने का दस तरीका बता सकता हूं।
तीसरा आरोप लोकसभा चुनाव के दौरान लगाया गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि शाम पांच बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत का आकड़ा कैसे अचानक बढ़ जाता है।
पोलिंग बूथ की CCTV रिकॉर्डिंग पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं लाया जाता है? 24 दिसंबर को कांग्रेस ने केंद्र सरकार के द्वारा 20 दिसंबर को बदले गए CCTV और रिकॉर्डिंग इत्यादि के इलेक्ट्रॉनिक दास्तावेज को पब्लिकली न शेयर करने की नियम के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी थी।
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान आयोग के अधिकारियों ने उद्धव ठाकरे का बैग जांच किया था, जिस पर उन्होंने टिप्पणी की थी कि मोदी और अमित शाह के भी जांच होने चाहिए।
आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रतिक्रिया
पहला जवाब:
CEC ने कहा प्रति वर्ष जनवरी में सर्वे किया जाता है, जो अक्टूबर से शुरु होता है। नए वोटर्स जुड़ेगे और हटेंगे, जिसके लिए ड्रॉफ्ट रोल का 2 कॉपी दिया जाता है, हर गांव और शहर में ड्रॉफ्ट रोल और ऑब्जेक्शन की कॉपी दी जाती हैं। डिलीशन पर्सनल हियरिंग के बगैर नहीं किया जा सकता है, पोलिंग बूथ पर 2 फिसदी से ज्यादा हुआ तो अधिकारी खुद जाकर चेक करते हैं।
वोटिंग की तारीख से 7 या 8 दिन पहले एजेंट के सामने सिंबल डाला जाता है, बैटरी डाली जाती हैं और EVM पर सील लगाई जाती हैं। वोटिंग के दिन सील तोड़ा जाता है, सबसे पहले सिरियल नंबर चेक होता है, एजेंट के सामने मॉक पोल होता है, फिर वोटिंग शुरु होती है।
एजेंट को वोटिंग का आकड़ा पोलिंग के खत्म होने के बाद बताई जाती हैं। एजेंट के सामने EVM को स्टोर रुम में ले जाया जाता है और ताला लगाया जाता है। फिर ताले को काउंटिंग के दिन खोला जाता है।
एक ग्लोबल एक्सपर्ट ने कहा, हमें काउंटिंग करने में एक से डेढ़ महीना लगता है, लेकिन भारत में एक ही दिन में परिणाम आ जाता है। जिस पर राजीव कुमार ने कहा, वहां EVM होता ही नहीं है। 5 और 7 बजे के बीच अफसर आते हैं, और अगर वोटर लाइन में होते हैं, तो उनको वोटिंग के लिए रोका जाता है, फिर वोट होते हैं, 17 सी हाथ से लिखते हैं, एजेंट से सील कराते हैं।
हमसे कहते हैं कि वोट प्रतिशत शाम 5 बजे के बाद बढ़ा दिया जाता है, तो आप बताएं कि 6 बजे पोलिंग बंद कराएं, EVM और मशीन सील कराएं या बताएं कि वोट कितना हुआ।
चौथा जवाब:
रिकॉर्डिंग जानकारी इसलिए नहीं दी जाती हैं क्योंकि पारदर्शिता हमारा मूलभूत आधार है। मतदाता के प्रोफाइल और प्राइवेसी को लेकर नियम बदला गया है। ऐसा करने से मतदाता का चेहरा सामने आ जाएगा, जो सही नहीं है। एक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 1800 बूथ होते हैं; 5 घंटे देखोगे तो 325 साल लगेंगे। लेकिन जो लोग इसे लेने की बात करते हैं, उनका इरादा सिर्फ मिशयुज करना होता है।
पांचवां जवाब:
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, चेकिंग सिर्फ नेताओं की नहीं बल्कि आयोग के अधिकारियों की भी की जाती है।
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