SSC परीक्षा में अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में शिक्षकों का प्रोटेस्ट

SSC परीक्षा में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन
SSC परीक्षा में अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर प्रोटेस्ट कर रहें सकड़ों शिक्षक और अभ्यर्थी (सोर्स - सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षक और अभ्यर्थी SSC परीक्षा में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 31 जुलाई 2025 को SSC, UPSC और अन्य कई परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले सैकड़ों शिक्षकों ने दिल्ली में शांति पूर्वक प्रोटेस्ट करने की कोशिश की। शिक्षक शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट करते हुए "कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग" (Department of Personnel and Training) "DOPT" के चेयरमैन "डॉ० जितेंद्र सिंह" से मिलना चाहते थे। लेकिन, शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के साथ दिल्ली पुलिस ने पहले धक्का-मुक्की की, फिर उन पर लाठी चार्ज किया, और उसके बाद कई शिक्षकों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने हिरासत में लिए गए शिक्षकों को वैन में बैठाकर कई घंटों तक दिल्ली की सड़कों पर घुमाया। 

शिक्षकों का आरोप है कि SSC की परीक्षा में कई प्रकार की अनियमितताओं को देखा जा रहा है। जैसे कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर काफी कमजोर है। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि SSC ने परीक्षा कराने के लिए "EDUQUITY" जैसी संस्थान को जिम्मेदारी दी है, जिस पर पहले से कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं। वहीं, SSC अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न काफी निम्न स्तर के हैं। परीक्षा केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। परीक्षा केंद्र दूर रहने के कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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  • शिक्षकों को DOPT दफ्तर और जंतर-मंतर से क्यों भगाया गया?

    दरअसल, 31 जुलाई 2025 को देश भर के शिक्षकों को दिल्ली में SSC के खिलाफ आंदोलन के लिए बुलाया गया था। आंदोलन में शिक्षकों के साथ हजारों अभ्यर्थियों ने भी हिस्सा लिया था। शिक्षक और अभ्यर्थी दोनों DOPT दफ्तर जाकर वहां के मंत्री से मिलने वाले थे। लेकिन, दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। वहां से हटने के बाद कुछ लोग प्रोटेस्ट करने जंतर-मंतर चले गए, लेकिन पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उनको वहां से यह बोलकर हटा दिया कि प्रशासन दो दिन बाद DOPT के मंत्री से मिलवाएगा। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने प्रोटेस्ट कर रहे कई शिक्षकों को हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाकर देर रात करीब 1 बजे छोड़ दिया।

    अभिनय शर्मा, नीतू सिंह, और राकेश यादव जैसे नामी कई शिक्षकों को दिल्ली पुलिस के द्वारा हिरासत में लिया गया। नीतू सिंह ने कहा, शिक्षक छात्रों का आवाज बुलंद करने का सहयोग कर रहे हैं, DOPT के अधिकारी और मंत्री से मिलना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ऐसा मिलने नहीं दे रही हैं, हमें लाठी से मारा जा रहा है, शिक्षकों को हिरासत में लिया जा रहा है। शिक्षकों पर FIR भी किया गया है।    

    SSC के चेयरमैन ने क्या कहा?

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, SSC के चेयरमैन एस. गोपाल कृष्णन ने शिक्षकों और अभ्यर्थियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमने ऐसे किसी भी संस्थान को टेंडर नहीं दिया है जो अपनी बुनियादी जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं। हमने उसी संस्थान को टेंडर दिया है जिसने परीक्षा कराने के लिए अपनी पूरी शैक्षणिक प्रक्रिया को पास किया है।

    परीक्षा केंद्र पर सत्यापन में देरी, इंटरनेट सर्वर में त्रुटि होना, परीक्षा देर से शुरू होना, और कंप्यूटर में तकनीकी समस्या जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर उन्होंने कहा कि SSC के अधिकारी इन तमाम समस्याओं की जांच कर रहे हैं; जल्द ही इन सभी समस्याओं का समाधान SSC के दफ्तर में मौजूद कंट्रोल रूम से किया जाएगा।

    परीक्षा केंद्र दूर होने पर अभ्यर्थियों को काफी दिक्कत होती है। इस पर उन्होंने कहा कि जिस संस्थान को SSC का टेंडर दिया गया है, EDUQUITY पहली बार परीक्षा कंडक्ट करा रही है। यह संस्था नई है; अगली बार इस मुद्दे पर जरूर ध्यान दिया जाएगा। SSC और EDUQUITY के अधिकारी मिलकर इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। SSC CGL परीक्षा से पहले इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

    आंदोलन में शिक्षकों की मांग क्या है?

    पहला - EDUQUITY पर प्रतिबंध लागाया जाए। शिक्षक और अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस संस्थान पर भ्रष्टाचार के कई आरोप है।

    दुसरा - UPSC की तरह परीक्षा और परिणाम का शेड्यूल पहले ही जारी किया जाए।

    तीसरा - नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए।

    चौथा - परीक्षा का स्तर योग्य होना, और एक जैसा प्रश्न सभी पालियों में नहीं पूछा जाए।

    पांचवा - नियुक्ति तीव्र गति से किया जाए।

    छठा - परीक्षा की केंद्रों को दूर नहीं दिया जाए। केंद्र पर बुनियादी सुविधा दी जाए। तकनीकी समस्याओं को खत्म किया जाए।

    सातवां - केंद्र पर प्रशिक्षित स्टाफ हो।

    आठवां - कई बार विभिन्न कारणों से कई केंद्रों पर आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।

    नवां - कई परीक्षा केंद्रों पर कर्मचारियों के द्वारा अभ्यर्थियों से दुर्व्यवहार किया गया था।

    दसवां - परीक्षा केंद्रों का गलत तरीके से आवंटन करना।    


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