पटना में बिहटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्यों बनाया जा रहा है?

पटना एयरपोर्ट न्यू टर्मिनल
पटना एयरपोर्ट से बड़ा और आधुनिक बनेगा बिहटा हवाई अड्डा (सोर्स - सोशल मीडिया)

पटनाबिहार के पटना जिला में बिहटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Bihta International Airport) बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 29 मई 2025 को 1400 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनने वाले बिहटा एयरपोर्ट का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया गया। बिहटा एयरपोर्ट को 2027 के अंत तक बनाकर तैयार कर देने का लक्ष्य है। इसके अलावा, PM मोदी ने पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन किया।

दरअसल, पटना एयरपोर्ट से काफी बड़ा और आधुनिक बिहटा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों के दबाव बढ़ने की वजह से बिहटा एयरपोर्ट बनाने की जरूरत हुई है। इसके बनने से रोहतास, भोजपुर, नालंदा, बक्सर, आरा, छपरा, सिवान, गोपालगंज, औरंगाबाद, पटना, बेतिया, और मोतिहारी से आने वाले यात्रियों को बेहतर और आधुनिक हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी। इस एयरपोर्ट से महीने में करीब 4 लाख यात्री सफर करेंगे, और एक बार में लगभग 3 हजार यात्रियों को मैनेज करने में सक्षम होगा।

बिहटा एयरपोर्ट कौन सी कंपनी बनाएगी?

बिहटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की जिम्मेदारी रूसी कंपनी जेएससी आईए वोज्रो़ज्डे़नी (JSC IA Vozrozhdenie) को दी गई है। बिहटा एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन, यूटिलिटी कॉरिडोर, एलिवेटेड रोड, और अन्य सुविधाओं के निर्माण की जिम्मेदारी इस कंपनी को दी गई है। 460 करोड़ रुपये टर्मिनल भवन और रनवे के निर्माण के लिए दिया गया है। बिहटा एयरपोर्ट को 2018 में बनाने की घोषणा की गई थी, 2022 तक इसे बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन 29 मई 2025 को शिलान्यास किया गया, जिसे 2027 तक तैयार कर देने का लक्ष्य रखा गया है।

बिहटा एयरपोर्ट में क्या-क्या सुविधाएं होंगी?

  • बिहटा एयरपोर्ट में आधुनिक एवं स्मार्ट टर्मिनल भवन, यूटिलिटी कॉरिडोर, एलिवेटेड रोड, मल्टीलेवल कार पार्किंग और कर्मचारियों के लिए आवास बनाये जाएंगे, जिसके लिए 126 एकड़ जमीन अधिग्रहित किया जा चुका है।
  • पटना हवाई अड्डा से बड़ा बनेगा बिहटा हवाई अड्डा का टर्मिनल भवन। पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन 65000 वर्ग मीटर में है, जबकि बिहटा एयरपोर्ट का 68000 वर्ग मीटर में बनने वाला है।
  • बिहटा एयरपोर्ट का रनवे 12000 फीट लंबा बनेगा, जिससे नागरिक विमान के अलावा कार्गो विमान भी रनवे पर सुरक्षित लैंड करेगा।
  • पटना हवाई अड्डे पर ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) कैटेगरी-1 लगाया गया है, जिससे घने कोहरे में विमान के पायलट को असुविधा होती है। बिहटा एयरपोर्ट में लगने वाले ILS पटना वाले से ज्यादा आधुनिक होगा और बेहतर एवं सुरक्षित होगा।   

देश के कितने शहरों में दो एयरपोर्ट है?

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, गोवा, कोझिकोड और अहमदाबाद के बाद पटना 7वां ऐसा शहर होगा जहां दो हवाई अड्डे चालू हालात में होंगे। बिहटा हवाई अड्डा भारतीय वायु सेना का मौजूदा एयरबेस है जिसे अपग्रेड कर सिविल टर्मिनल का रूप दिया जाएगा। वहीं, बिहटा एयरपोर्ट के नाम को लेकर भी राजनीति की जा रही है।

बिहार में 2027 तक 5 एयरपोर्ट होंगे।

बिहार में अभी तीन हवाई अड्डा पटना, गया और दरभंगा; 2027 तक 5 होने की संभावना है। बिहटा एयरपोर्ट के लिए 1413 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है; पटना से 30 किलोमीटर की दूरी पर बिहटा में इसे तैयार किया जा रहा है। वहीं, अब पूर्णिया और कटिहार के लोगों को भी हवाई सफर के लिए सिलीगुड़ी के बागडोर एयरपोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि, पूर्णिया में भी भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे पर एक सिविल एन्क्लेव का निर्माण किया जाएगा।

बिहटा एयरपोर्ट का डिजाइन
पटना, गया और दरभंगा से बड़ा और आधुनिक बिहटा एयरपोर्ट बनेगा (सोर्स - सोशल मीडिया) 

दरभंगा हवाई अड्डा -

दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना मैथिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे दानवीर जमींदार 'महाराजा कामेश्वर सिंह बहादुर' ने वर्ष 1938 में शुरू किया था। 1950 से 1962 तक इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल आम लोग कर रहे थे, लेकिन 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के उपयोग में चला गया था।

2743 मीटर लंबा रनवे वाले दरभंगा एयरपोर्ट को 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना के तहत दुबारा से इसे आम लोगों के लिए खोल दिया। यहां से हर रोज 8 फ्लाइट उड़ान भरती हैं, प्रतिदिन लगभग 1200 यात्री हवाई सफर करते हैं, यहां से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू और पुणे की फ्लाइट उड़ान भरती हैं।     

पटना हवाई अड्डा -

पटना एयरपोर्ट की स्थापना वर्ष 1973 में की गई थी। प्रतिदिन लगभग 9000 यात्री दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता, भुवनेश्वर, हैदराबाद, रांची, देवघर, पुणे, मुंबई, चंडीगढ़, चेन्नई, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों में जाने के लिए यात्रा करते है। इस हवाई अड्डे की रनवे की लंबाई मात्र 2016 मीटर है, जिसमें से मात्र 1600 मीटर रनवे का ही इस्तेमाल विमान के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए किया जाता है।

यहां रोजाना 33 फ्लाइट आती-जाती हैं; यह भारत का 15वां सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। 24 दिसंबर 1999 को दिल्ली-काठमांडू इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 814 को हाईजैक कर लिया गया था। तभी से पटना एयरपोर्ट पर सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बंद हैं।

पटना एयरपोर्ट में नई टर्मिनल बिल्डिंग बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट शुरू कर दी जाएगी।   

गया हवाई अड्डा -

बिहार का सबसे बड़ा हवाई अड्डा गया एयरपोर्ट की स्थापना वर्ष 2002 में की गई थी। प्रतिदिन यहां अधिकतम 350 यात्री सिर्फ 2 फ्लाइट से हवाई सफर करते हैं। गया एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 2286 मीटर है; यहां से सिर्फ दिल्ली और कोलकाता की फ्लाइट उड़ान भरती हैं।

गया एयरपोर्ट मुख्य रूप से थाईलैंड, भूटान, और म्यांमार से आने वाले बौद्ध पर्यटकों को सेवा देता है। सितंबर से मार्च तक यहां विदेशी विमानों की संख्या बढ़ जाती हैं।



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