राष्ट्रपिता महात्मा गांधी: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख अग्रदूत की कहानी

महात्मा गांधी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 1944 का तस्वीर (सोर्स - सोशल मीडिया)

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी - एक महान पुरुष, परा नाम मोहनदास करमचंद्र गांधी, जन्म 02 अक्टूबर 1869 पोरबंदर, गुजरात, पिता - करमचंद्र गांधी, माता - पुतली बाई, पत्नी - कश्तुरबा गांधी और बच्चे हीरालाल, मणिलाल, रामदास और देवदास।

हम बात कर रहे हैं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख अग्रदूत की, एक वकील, उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी, यानि एक ऐसा व्यक्ति जिनका सिधा संबंध राष्ट्रवाद से होता है, महात्मा गांधी। गांधी का विचार अहिंसा वाले भाव से प्रेरित था, वह हमेशा हिंसा के खिलाफ खड़े रहते थे, गांधी के पहले 'महात्मा' तब लगाया गया जब साल 1914 में दक्षिण अफ्रींका में उनके मूल नाम के पहले महात्मा शब्द का इस्तेमाल कर उन्हें आदर और सम्मान दिया गया था।

गांधी ने अपनी राष्ट्रभक्त विचारधारा से पूरी दुनिया में नागरिकों को उनका अधिकार और स्वतंत्रता दिलाने के लिए आंदोलन को प्रेरित किया था। ब्रिटिश शासकों से भारतवर्ष को स्वतंत्र करने के लिए अपने नेतृत्व में अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल कर सफल अभियान चलाया था, और अपनी उस प्रयास से सभी भारतवासियों को अंग्रेज के द्वारा हो रहे कठोर शासन से बाहर निकाला था, और तब जाकर एक आजाद भारत का निर्माण हुआ था।

गांधी द्वारा कहीं गई कुछ बातें -

  • "दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हो, वहीं बनो, ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो।"
  • "शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से प्राप्त होती है।"
  • "एक सौम्य तरीके से आप दुनिया को हिला सकते हैं।"
  • "किसी देश की महानता का माप इस प्रकार किया जा सकता है कि उस देश में जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।"
  • "जहां प्रेम है, वहां जीवन है; एक दिल को खुशी देना प्रार्थना में झुकाए हजारों सिर से बेहतर है।"
  • "एक मानव सिर्फ अपने विचार का उत्पाद है, वह जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है।"
  • "कमजोर लोग कभी माफ नहीं करते, माफ करना तो मजबूत लोगों का गुण है।" 



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