नेपाल के संसद भवन में प्रदर्शनकारियों के आग लगाने की तस्वीर (सोर्स - सोशल मीडिया)
काठमांडू: नेपाल सरकार के खिलाफ राजधानी काठमांडू सहित देश के कई शहरों में Gen-Z विरोध प्रदर्शन कर रहें है। 9 सितंबर 2025 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में Gen-Z प्रदर्शनकारियों के द्वारा हिंसक प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों के द्वारा नेपाल के "संसद भवन" और "प्रधानमंत्री दफतर" में आग लगा दिया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पर से इस्तीफा दे दिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि नेपाल में हो रहें हिंसक विरोध प्रदर्शन का भारत पर कोई असर पड़ेगा?
दरअसल, 8 सितंबर 2025 को नेपाल सरकार ने कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके बाद Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरु किया था। प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद भवन तक पहुंच गए। नेपाल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आशु गैस दागे, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, फायरिंग भी किया। नेपाल पुलिस की फायरिंग में 21 की मौत और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को जलाया
21 लोगों की मृत्यु के बाद, प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन हिंसक रुप ले लिया। 9 सितंबर 2025 को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, पीएमओ, और राष्ट्रपति के निजी आवास को जला दिया। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री "झालानाथ खनाल" के घर में आग लगा दी गई। जिससे उनकी पत्नी "राजलक्ष्मी चित्रकार" की मृत्यु हो गई। प्रदर्शनकारियों के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री "शेर बहादुर देउबा" और वित्त मंत्री "विष्णु पौडेल" को दौड़ा-दौड़ा कर पिटा गया था।
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन का भारत पर प्रभाव
नेपाल में Gen-Z के हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण भारत के खिलाफ आतंकी साजिस रचने वाले आतंकवाद सक्रिय हो सकते हैं। क्योंकि नेपाल में किसी भी पार्टी के सत्ता में नहीं होने से नेपाल "आतंकवादियों" का गढ़ बन सकता है। अगर परिस्थिति और बिगड़ा तो नेपाल से जुड़े भारतीय बॉर्डर के रास्ते लोग भारत में "घुसपैठ" कर सकते हैं। भारत सरकार नेपाल की मदद कर सकता है, दोनों देशों के संबंध ठीक है। लेकिन, भारत नेपाल की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करेगा। वहीं, भारत ने अपनी बॉडर एरिया का सुरक्षा बढ़ा दिया है।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण
नेपाल में सरकार की "भ्रष्टाचार नीति" से वहां का जनता काफी परेशान है। नेपाल में चाहे किसी पार्टी की सरकार हो या गठबंधन का, वहां के लोग पार्टियों की भ्रष्ट नीति से परेशान हो चुके है। क्योंकि, सरकार किसी भी पार्टी या गठबंधन का हो, सभी पर करोड़ों रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप है। नेपाल की सरकार कई सालों से वहां की जनता के हक को दबा दे रहीं है। वहां के मंत्रियों और सांसदों का परिवार जनता के पैसों से आलीशान जिन्दगी जी रहें है। यही कारण है की पुरा देश हिंसक रुप धारण कर लिया है।
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