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| GST दरों में परिवर्तन का अमेरिका पर क्या असर पड़ेगा? (सोर्स - सोशल मीडिया) |
नई दिल्ली: भारत में जीएसटी की नई दर 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाला है। GST की दरों में बदलाव के बाद अब देश में सिर्फ 2 टैक्स दर स्लैब लागू रहेगा। अमेरिका की तरफ से भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद केंद्र सरकार ने जीएसटी में कटौती करने का फैसला लिया है। भारत सरकार के इस अहम फैसले लेने के बाद देश के छोटे, मध्यम, और बड़े उद्योगपतियों को काफी राहत मिलेगा।
दरअसल, अमेरिका के 50% टैरिफ वाले फैसले के बाद भारत सरकार ने जीएसटी में बदलाव को लेकर GST काउंसिल में प्रस्ताव रखा। GST काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 5%, 12%, 18%, और 28% की टैक्स दर स्लैब की जगह अब सिर्फ 5% और 18% का स्लैब लागू रहेगा। वहीं, 40% का एक विशेष टैक्स दर स्लैब लग्जरी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू रहेगा।
जीएसटी कटौती का भारतीय निर्यातकों पर प्रभाव
भारत का अमेरिका के साथ प्रति वर्ष 7 लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार है। अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। हाई टैक्स की वजह से भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में व्यवसाय करने में भारी घाटे का सौदा करना पड़ रहा है। GST की दरों में कटौती के बाद भारतीय निर्यातक अमेरिका की वजाय देश के अंदर ही अपनी व्यवसाय को बढ़ाएंगे। GST दर कम होने से देश में वस्तुओं का डिमांड बढ़ेगा, जिससे खपत भी बढ़ेगा। इस प्रकार भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं होगा।
जीएसटी दरों में कमी का अमेरिका पर प्रभाव
जीएसटी दरों में कटौती होने से भारतीय निर्यातक अपनी वस्तुएं अमेरिका में हाई टैक्स की वजह से नहीं बेचना चाहेगा। भारत का एक्सपोर्टस् अपनी वस्तुएं भारत में ही बेचने का कोशिश करेगा। अमेरिका भारत से हर साल लगभग 7 लाख करोड़ का माल आयात करता था। आयात पर लगने वाले कस्टम डयूटी से अमेरिकी सरकार को करोड़ों का मुनाफा होता था। जीएसटी कटौती से भारतीय निर्यातकों का निर्यात कम होगा, जिससे अमेरिकी सरकार को घाटा होगा, और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ेगा।
भारत से अमेरिकी आयात पर प्रभाव
अमेरिका भारत से मुख्य रुप से दवा, वस्त्र, रत्न और आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी उत्पाद, कृषि, और पेट्रोलियम उत्पाद के अलावा कई अन्य उत्पादों का आयात करता है।
अमेरिका भारत से बड़ी मात्रा में सस्ती जेनेरिक दवा आयात करता है। सूती कपड़े के अलावा ऊनी वस्त्र भी बड़ी मात्रा में भारत से आयात करता है। भारत का सूरत और जयपुर शहर रत्न और आभूषण के उत्पाद का केंद्र है, अमेरिका यहां से पॉलिश आभूषण बड़ी मात्रा में आयात करता है। कंप्यूटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी आयात करता है।औद्योगिक मशीनरी और ऑटो पार्ट्स इत्यादि उपकरणों आयात करता है। अमेरिका चावल का आयात करता है। अमेरिका के लिए भारत एक बड़ा रिफाइनिंग हब भी है।
ऐसे में भारतीय निर्यातक अगर टैरिफ ज्यादा के कारण निर्यात कम करता है तो अमेरिका पर इसका गलत असर होगा। अमेरिकी सरकार को टैक्स कम मिलेगा क्योंकि भारतीय निर्यातक अपनी उत्पाद का आपूर्ति कम करेगा। जिससे अमेरिकी आयात पर गलत प्रभाव पड़ेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमजोर होगा।
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