अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
व्हाइट हाउस में 2 अप्रैल 2025 को टैरिफ का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प (सोर्स - सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ट्रम्प ने 6 अगस्त 2025 को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया। 5 अगस्त को ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। 30 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसे 7 अगस्त 2025 से लागू कर दिया गया है। 27 अगस्त 2025 से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाले वस्तुओं पर 50% टैरिफ लागू होगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल 2025 को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में 69 देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।

दरअसल, भारत हर साल रूस से लगभग 42 प्रतिशत प्राकृतिक गैस एवं कच्चा तेल (Petroleum) और 40 प्रतिशत रक्षा उपकरण (Defence Equipment) खरीदता है। ट्रम्प चाहता है कि भारत अमेरिका से पेट्रोलियम पदार्थ खरीदे। लेकिन, भारत ने सौदा मंजूर नहीं किया जिसके बाद ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इसके अलावा, ट्रम्प ने भारत पर सेकेंडरी सैंक्शंस लगाने की भी धमकी दी है। यानि, अमेरिका सीधे भारत को टारगेट न करके, उन देशों की कंपनियों पर भी कड़ा रुख अपना सकता है जो रूस से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस खरीद रहे हैं।


टैरिफ से किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से भारत में सबसे ज्यादा टेक्सटाइल, ज्वेलरी, इंजीनियरिंग उत्पाद और फार्मा सेक्टर प्रभावित होगा।

टेक्सटाइल – कपड़ा पर टैरिफ बढ़ाने से वस्त्र की डिमांड कम होगी। ग्राहक ज्यादा शुल्क देकर भारत का पोशाक नहीं खरीदेंगे। कपड़ा महंगा होने के कारण ग्राहक कम वस्त्र खरीदेंगे। जब ग्राहक कम कपड़ा खरीदेगा तो कंपनी का उत्पाद भी कम होगा, जिसके कारण कंपनी कर्मचारियों की छंटनी करेगी, लोग बेरोजगार होंगे और देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी।

उदाहरण के लिए – अगर पहले किसी कपड़े पर 10% टैरिफ लगता था तो अब 35% लगेगा। यानी, पहले 100 डॉलर का कपड़ा 110 डॉलर में मिलता था लेकिन अब 135 डॉलर में मिलेगा।

ज्वेलरी - भारत ने अमेरिका को 2024 में लगभग 10 बिलियन डॉलर की ज्वेलरी निर्यात किया था। टैरिफ बढ़ेगा तो शुल्क बढ़ेगा, ग्राहक कम खरीदारी करेंगे, मार्केट में मांग कम होगा। जिसके कारण टाइटन और कल्याण जैसी ब्रांडेड कंपनी काफी प्रभावित होगा। रोजगार में कमी होने की संभावना बढ़ेगी।

उदाहरण के लिए - पहले 100 डॉलर की ज्वेलरी को 106 डॉलर में बेचा जाता था। लेकिन, अब 131 डॉलर में बेचा जाएगा।

इंजीनियरिंग उत्पाद – टैरिफ बढ़ाने से इंजीनियरिंग उत्पाद प्रभावित होगा। जिसके कारण एपल, TCS, और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं। स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, जिसका सीधा असर आम जनता के जेब पर पड़ेगा।

फार्मा (दवा कंपनी) – मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सन फार्मा जैसी अन्य कई कंपनियां प्रभावित होंगे क्योंकि 2024 में इन कंपनियों ने लगभग 11 बिलियन डॉलर की दवा अमेरिका में निर्यात किया था। ट्रम्प ने दवाओं पर 250 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। हालांकि, ट्रम्प ने 18 महीने के अंदर 150 प्रतिशत और 18 महीने के बाद 250 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

ऑटोमोबाइल - टैरिफ बढ़ाने से ऑटो पार्ट्स का निर्यात कम होगा। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उत्पादन कम होगा। टाटा मोटर्स और भारत फोर्ज जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी। नौकरी कम होगा। देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।


डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिकी निर्यात पर ज्यादा शुल्क लेता है। इसलिए, अमेरिका ने भारत के निर्यात पर लगने वाले टैरिफ को बढ़ाया है। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका के साथ नाइंसाफी हो रही थी, इसलिए उसने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है। इसके अलावा, भारत रूस से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस (Petroleum) आयात करता है। अमेरिका चाहता है कि भारत हमसे तेल खरीदे; भारत के इनकार करने पर अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।


किस देश पर कितना टैरिफ?

भारत - 25 प्रतिशत, 27 अगस्त से 50% हो जाएगा।

पाकिस्तान - 19 प्रतिशत

कनाडा - 35 प्रतिशत

लाओस, म्यांमार, सीरिया - 40 प्रतिशत

यूरोपीय संघ - EU के वस्तु पर मौजूदा शुल्क 10 प्रतिशत है तो 5% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। दुसरे देशों से टैक्स बचाने के लिए निर्यात की गई तो 40 प्रतिशत टैरिफ लगेगा।


टैरिफ पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के अनुसार, भारत का अमेरिका के साथ 90 अरब डॉलर का व्यापार है। अगर अमेरिका में वस्तुएं 50% महंगी होंगी तो ग्राहक भी सोचेगा कि वे भारतीय वस्तुओं को क्यों खरीदें? अमेरिका के अनुचित और अन्यायपूर्ण फैसला पर शशि थरुर ने भारत सरकार से अमेरिकी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की मांग की।

विशेषज्ञों के अनुसार, निर्यात कम होगा, डॉलर के मुकाबले रुपये कमजोर होंगे, पेट्रोलियम पदार्थ और अन्य वस्तुएं महंगा होगा, जिसका असर आम जनता के जेब पर पड़ेगा। टैरिफ बढ़ने की वजह से लगभग 70 हजार करोड़ का नुकसान होगा, जिसके कारण GDP में 0.5 प्रतिशत की गिरावट होगा। जिससे अर्थव्यवस्था कमजोर होगा।



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