बिहार में SIR प्रक्रिया समाप्त; 65 लाख वोटर मतदान से वंचित
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| SIR प्रक्रिया में शामिल BLO (सोर्स - सोशल मीडिया) |
नई दिल्ली: बिहार में "विशेष गहन परिशोधन" प्रक्रिया समाप्त हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बिहार में 24 जून से 26 जुलाई 2025 तक SIR का आदेश दिया था। SIR में बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया है। राज्य में 99.70 प्रतिशत मतदाताओं का SIR किया जा चुका है; बाकी के मतदाताओं का SIR 1 अगस्त तक पुरा कर लिया जाएगा।
दरअसल, नवंबर-दिसंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है। चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदान की पारदर्शिता को लेकर बिहार में SIR कराने का आदेश दिया है। ECI की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 35 लाख मतदाता पलायन कर गए है, 22 लाख मतदाता दिवंगत है, 7 लाख मतदाताओं के नाम दो जगह प्राप्त हुए है, और 1.2 लाख मतदाताओं का फॉर्म वापस नहीं मिल सका है। इस प्रकार नई मतदाता सूची से लगभग 65 लाख मतदाताओं को बाहर किया जा सकता है।
SIR का उद्देश्य क्या है?
SIR का मुख्य उद्देश्य चुनाव को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराना है। SIR समाप्त होने के बाद बिहार में नई मतदाता सूची ड्राफ्ट जारी किया जाएगा। नई मतदाता सूची ड्राफ्ट को डिजिटल फॉर्म में प्रस्तुत किया जाएगा। SIR के आधार पर जारी की गई मतदाता सूची ड्राफ्ट के अनुसार बिहार में मतदान के पात्र वोटरों को विधानसभा चुनाव 2025 में मतदान करने का अवसर मिलेगा। भारत निर्वाचन आयोग 30 सितंबर को फाइनल ड्राफ्ट जारी करेगा।
65 लाख मतदाता वोटिंग से वंचित
बिहार में 24 जून से 26 जुलाई 2025 तक BLO और BLA के द्वारा किए गए "विशेष गहन परिशोधन" के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 35 लाख मतदाता स्थायी रूप से पलायन कर गए है, यानी उनके बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं हो सका है। 22 लाख दिवंगत यानी मृत पाए गए है, 7 लाख मतदाता एक से ज्यादा जगह पंजीकृत है, और 1.2 लाख वोटरों ने BLO या BLA को परिशोधन प्रपत्र वापस नहीं किया है। ऐसे में संभावित 65 लाख वोटरों को वोट देने से वंचित किया जा सकता है।
आपत्तियां दर्ज कराने के लिए निर्धारित समय।
SIR में आपत्तियां दर्ज करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 1 अगस्त से 1 सितंबर का समय निर्धारित किया है। इस अवधि के दौरान मतदाता या कोई राजनीतिक दल निर्धारित दावे एवं आपत्ति प्रपत्र भर कर अपने क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (Electoral Registration Officers) के द्वारा आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसके माध्यम से लोग योग्य मतदाता का नाम जुड़वा सकते हैं तथा अयोग्य मतदाता का नाम हटवा सकते हैं।
SIR के खिलाफ नेताओं का विरोध प्रदर्शन।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने SIR के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं, ECI ने 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दिवंगत और पलायन मतदाताओं का सूची साझा किया है। इनमें भाजपा, कांग्रेस, RJD, JDU इत्यादि जैसी कई पार्टियां शामिल है।
#WATCH | Delhi: Opposition MPs, including Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi, hold protest against ongoing Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in Bihar, in Parliament. pic.twitter.com/Z3mq8xwb5S
— ANI (@ANI) July 23, 2025
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के नेताओं ने बिहार विधानसभा भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया है।
#WATCH | Patna | Opposition leaders continue to protest in front of the Bihar Assembly over the issue of SIR (Special Intensive Revision) in the state. pic.twitter.com/FYx1s6DH7r
— ANI (@ANI) July 25, 2025
बिहार में 65 लाख वोटर मतदान नहीं करेंगे
बिहार में "विशेष गहन पुनरीक्षण" प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भारत चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2025 को नई मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। SIR के आकड़ों के अनुसार, लगभग 65 लाख मतदाताओं का नाम नई मतदाता सूची ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकार 65 लाख मतदाता बिहार विधानसभा चुनाव में वोट नहीं दे सकेंगे।
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