प्रशांत किशोर की मांग; मुख्यमंत्री स्वेत पत्र जारी करें
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| अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (सोर्स - सोशल मीडिया) |
पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 70वीं BPSC परीक्षा रद्द करने के लिए आयोग और बिहार सरकार को 1 जनवरी 2025 तक का अल्टीमेटम दिया था। अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल "डेलिगेशन" लेकर आयोग के मुख्य सचिव से मिला, लेकिन आयोग की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठ गए।
दरअसल, 29 दिसंबर 2024 को पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे "छात्र संसद" का आयोजन किया गया था, जिसका नेतृत्व प्रशांत किशोर कर रहे थे। गांधी मैदान प्रांगण से प्रशांत किशोर के जाने के बाद पटना पुलिस ने आंदोलन में शामिल अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया।
30 दिसंबर को BPSC अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग के मुख्य सचिव से मिला और तथ्य एवं सबूत से अवगत कराया। उन्होंने कहा था कि हम कोशिश करेंगे इसका समाधान निकालने का, लेकिन कोई सकारात्मक सुनवाई नहीं की गई। आयोग सचिव की प्रतिक्रया से नाराज होकर 2 दिसंबर की शाम 5 बजे से प्रशांत किशोर और अभ्यर्थी गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए।
पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को दी थी चेतावनी
पुलिस ने प्रशांत किशोर से कहा कि आपको गांधी मैदान में अनशन करने के लिए अनुमति नहीं दी गई है। पटना हाई कोर्ट के मुताबिक, गर्दनीबाग एरिया को धरना और विरोध प्रदर्शन के लिए बनाया गया है; पिछले 7 वर्षों से जितने भी प्रदर्शन हुए हैं, वह सभी गर्दनीबाग में हुआ है। बेहतर होगा कि आप वहां जाकर प्रदर्शन करें। अन्यथा पुलिस की तरफ से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत किशोर की 5 बड़ी मांगें
- 70वीं बीपीएससी परीक्षा में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो।
- 2015 से अभी तक नीतीश सरकार के द्वारा निश्चय के साथ किए गए वादों के हिसाब से 18 से 35 वर्ष के सभी बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
- 25 और 29 दिसंबर को अतिरिक्त बल का प्रयोग करके लाठीचार्ज करने वाले अफसरों पर कार्रवाई किया जाए।
- बिहार के युवाओं एवं छात्रों के लिए सरकारी नौकरी में 2/3 हिस्सा सुनिश्चित करने का "डोमिशाइल नीति" लागू किया जाए। दूसरे राज्य के बच्चों के लिए सीट सुनिश्चित नहीं की जाए।
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री पर साधा था निशाना
- प्रशांत किशोर ने कहा, नीतीश कुमार के शासन में बिहार में पिछले 10 सालों में जितने भी प्रायोगिक परीक्षाओं में पेपर लीक हुआ है, उस पेपर लीक में किन-किन माफिया महोदय का हाथ है और उन पर उन्होंने क्या कार्रवाई की है, सरकार इसका एक "स्वेत पत्र" जारी करें।
- नीतीश के राज में बिहार के बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है। नीतीश कुमार 2015 से बिहार के हर गांव और मुहल्ले में घूम-घूमकर कहे थे कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। लेकिन अभी तक नहीं मिला है।
- बिहार लोकतंत्र की जननी है, लाठीतंत्र नहीं। पिछले 3 वर्षों में 100 से ज्यादा प्रदर्शन, चाहे वह आंगनबाड़ी का हो, शिक्षकों का हो, या किसी अन्य वर्ग का धरना प्रदर्शन हो, सब पर नीतीश कुमार की सरकार ने लाठीचार्ज कराया है। BJP के नेताओं को भी दौड़ा-दौड़ा कर लाठीयों से पीटवाया है।
- मुख्यमंत्री को अहंकार है कि वो छात्रों को लाठी से पिटकर भगा देंगे, लेकिन नीतीश कुमार यह जान लें कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।
बीपीएससी परीक्षा में सौदे का खुलासा
BPSC अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में 30 लाख से 2 करोड़ के बीच का सौदा हुआ है। उन्होंने कहा, आधे से ज्यादा सीटों का सौदा वैकेंसी से पहले ही हो चुका है। परीक्षा में हुए इस भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ हम आवाज उठा रहे हैं। बिहार सरकार से अनुरोध है कि इसकी जांच हो और बच्चों को न्याय मिले।
सौरभ का छात्रों से अनुरोध
- पटना के बापू सभागार परीक्षा केंद्र समेत 18 अन्य केंद्रों पर 4 जनवरी को दुबारा परीक्षा होने वाला है। छात्र नेता सौरभ कुमार ने पुनः परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों से एग्जाम का "बहिष्कार" करने का अनुरोध किया था। कहा था, अनशन पर बैठे अपनी भाई और बहन की मरीयादा का ध्यान रखें।
- 3 और 4 जनवरी तक बिहार में जितने भी शैक्षणिक संस्थान और लाइब्रेरी हैं, उनको बंद कर दिया गया है। यह लड़ाई अभ्यर्थियों और BPSC के बीच नहीं है। यह लड़ाई बिहार के युवाओं और सरकार के बीच है। दुसरे जिला में भी युवाओं और छात्रों से कैंडिल मार्च निकालने का अनुरोध किया था। कहा है।
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